पांवटा साहिब: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास की अमावस्या का दिन अत्यंत विशेष होता है, क्योंकि इसी दिन भगवान शनि देव का प्राकट्य हुआ था। यह दिन शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल शनि जयंती का पर्व 27 मई को मनाया जाएगा। यह दिन शनिदेव की आराधना और कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
शनि जयंती का पौराणिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शनि का जन्म सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र रूप में हुआ था। शनिदेव को नवग्रहों में न्यायाधीश का पद प्राप्त है। वे मंद गति से चलते हैं, लेकिन उनके प्रभाव अत्यंत गहरे और दीर्घकालीन होते हैं। शनिदेव को कर्मों का फल देने वाले न्यायाधीश देवता माना जाता है। वे व्यक्ति को उसके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में बार-बार रुकावटों, रोगों, मानसिक तनाव, करियर में असफलता, धन हानि या कोर्ट-कचहरी से जुड़ी समस्याओं से गुजर रहा हो, तो इसके पीछे शनि की अशुभ स्थिति मानी जाती है। ऐसे में शनि जयंती का दिन उनके दोषों से मुक्ति पाने और जीवन में स्थिरता और तरक्की के लिए अति उपयुक्त होता है।
1. सरसों के तेल का दीपक जलाएं
इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे या शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाकर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे शनि की कुदृष्टि दूर होती है और कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
2. काले तिल और उड़द का दान
शनि देव को काले तिल, काली उड़द, लोहा, काले वस्त्र अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए इन वस्तुओं को किसी निर्धन, वृद्ध या विकलांग व्यक्ति को दान करें। इससे शनि दोष कम होता है और पापों का नाश होता है।
3. शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें शनि चालीसा, दशरथकृत शनि स्तोत्र या हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष फलदायी माना गया है। यह उपाय मानसिक शांति देने के साथ-साथ शनि की शांति के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।
4. तेल से शनि देव का अभिषेक करें
शनि की प्रतिमा पर सरसों के तेल से अभिषेक करें और उन्हें नीले फूल व काले तिल अर्पित करें। यह उपाय जीवन में चल रही रुकावटों को समाप्त करता है और सफलता दिलाता है।
5. पक्षियों और जानवरों को भोजन कराएं
कौवे, काले कुत्ते या गाय को रोटी और तिल मिश्रित भोजन खिलाएं। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और दुखों से छुटकारा मिलता है।
6. नीले वस्त्र और नीले फूल चढ़ाएं
इस दिन शनिदेव को नीले रंग के वस्त्र और फूल अर्पित करने से नौकरी, व्यापार और करियर में प्रगति मिलती है।
7. सत्य और न्याय का पालन करें
शनि देव कर्मों के देवता हैं। इस दिन संकल्प लें कि आप सदैव सत्य बोलेंगे, किसी का बुरा नहीं करेंगे और न्याय के मार्ग पर चलेंगे। यह संकल्प ही शनि की सबसे बड़ी उपासना है।